Saturday, November 7, 2020

धोखा

 शायद उसी मुश्किल वक्त में,

जब मैं एक डरे हुए जानवर की तरह

उसे अकेला छोड़ कर बच निकला था।

ख़तरे से सुरक्षा की ओर

वह एक फँसे हुए जानवर की तरह

ख़ूंखार हो गया था।

कुँवर नारायण


धोखा

 शायद उसी मुश्किल वक्त में, जब मैं एक डरे हुए जानवर की तरह उसे अकेला छोड़ कर बच निकला था। ख़तरे से सुरक्षा की ओर वह एक फँसे हुए जानवर की तरह ख़...