अनियमित यात्रा पत्रिका के प्रधान संपादक गणेश पांडेय
शायद उसी मुश्किल वक्त में,
जब मैं एक डरे हुए जानवर की तरह
उसे अकेला छोड़ कर बच निकला था।
ख़तरे से सुरक्षा की ओर
वह एक फँसे हुए जानवर की तरह
ख़ूंखार हो गया था।
कुँवर नारायण
शायद उसी मुश्किल वक्त में, जब मैं एक डरे हुए जानवर की तरह उसे अकेला छोड़ कर बच निकला था। ख़तरे से सुरक्षा की ओर वह एक फँसे हुए जानवर की तरह ख़...